स्वार्थी पसारा सारा
स्वार्थी पसारा सारा जगि या ।
रवि चंद्र तारा ।
उडति त्या अमरा ॥
घनदाट अंधार पसरे निराशा ।
झुंजार वारा न जीवा निवारा ॥
रवि चंद्र तारा ।
उडति त्या अमरा ॥
घनदाट अंधार पसरे निराशा ।
झुंजार वारा न जीवा निवारा ॥
गीत | - | य. ना. टिपणीस |
संगीत | - | वझेबुवा |
स्वर | - | प्रभाकर कारेकर |
नाटक | - | शिक्काकट्यार |
गीत प्रकार | - | नमन नटवरा |