ती सुंदरा गिरिजा
ती सुंदरा गिरिजा
आठवते मजला मृदुला गिरिजा
ती ललना, चिरयौवना
मृगलोचना, बिंबाधरा, प्रणय-चतुरा
आठवते मजला मृदुला गिरिजा
ती ललना, चिरयौवना
मृगलोचना, बिंबाधरा, प्रणय-चतुरा
| गीत | - | विद्याधर गोखले |
| संगीत | - | वसंत देसाई |
| स्वर | - | पं. राम मराठे |
| नाटक | - | जय जय गौरी-शंकर |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| बिंबाधरा | - | पिकलेल्या तोंडल्याप्रमाणे लाल ओठ असणारी. |
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पं. राम मराठे