तूं कां वदसि मला कटु
तूं कां वदसि मला कटु बोला,
अबोला बरा या काला ॥
प्रेमनाश झाला, केंवि राग आला?
नच मधु ने नाशा भ्रमराला ॥
अबोला बरा या काला ॥
प्रेमनाश झाला, केंवि राग आला?
नच मधु ने नाशा भ्रमराला ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | गंधर्व नाटक मंडळी, हिराबाई बडोदेकर |
| स्वर | - | विश्वनाथ बागुल |
| नाटक | - | विद्याहरण |
| राग / आधार राग | - | सोहा कानडा |
| ताल | - | एक्का |
| चाल | - | तू है मदमदसा |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| केविं | - | कशा प्रकारे. |
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विश्वनाथ बागुल