तूंचि दिव्यांगना
तूंचि दिव्यांगना । भारिसी जीवना ॥
तव हा मुखचन्द्र । उदित मम मंदिरीं ।
जणु भाग्यपूर्णेंदु । जिवाचा उदेला ॥
तव हा मुखचन्द्र । उदित मम मंदिरीं ।
जणु भाग्यपूर्णेंदु । जिवाचा उदेला ॥
| गीत | - | वसंत शांताराम देसाई |
| संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
| स्वर | - | प्रकाश घांग्रेकर |
| नाटक | - | अमृतसिद्धी |
| राग / आधार राग | - | भीमपलास |
| ताल | - | झपताल |
| चाल | - | खानदोरे |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| उदित | - | चढते. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












प्रकाश घांग्रेकर