तुज वंदन गानशारदे
गानशारदे ! तुज वंदन
वाढो निशिदिनी हे स्वरबंधन !
तुझ्या कृपेने सदा फुलावे
सप्त-सुरांचे शुभ नंदनवन !
कृतार्थ व्हावे तव सेवेने
सूरविलासी आमुचे जीवन !
वाढो निशिदिनी हे स्वरबंधन !
तुझ्या कृपेने सदा फुलावे
सप्त-सुरांचे शुभ नंदनवन !
कृतार्थ व्हावे तव सेवेने
सूरविलासी आमुचे जीवन !
गीत | - | विद्याधर गोखले |
संगीत | - | नीळकंठ अभ्यंकर |
स्वर | - | कीर्ती शिलेदार |
नाटक | - | संगीत स्वरसम्राज्ञी |
गीत प्रकार | - | नमन नटवरा |