तुझ्याविना भाव ना
तुझ्याविना भाव ना या मना । राजस माना कामुकता ना ॥
मदीय प्राण उचित दान । प्रिया आस शमनिं कां न ॥
मदीय प्राण उचित दान । प्रिया आस शमनिं कां न ॥
| गीत | - | य. ना. टिपणीस |
| संगीत | - | वझेबुवा |
| स्वर | - | शरद जांभेकर |
| नाटक | - | शिक्का-कट्यार |
| राग / आधार राग | - | सोहा कानडा |
| ताल | - | त्रिवट |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| मदीय | - | माझी. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












शरद जांभेकर