ऊठ राजसा घननीळा
ऊठ राजसा घननीळा हासली रे वनराणी
उडे थवा पाखरांचा गात गात मंजुळ गाणी
यमुनेचं गारगार खळाळलं आतां पाणी
ऊठ सख्या नीलमणी, साद घालिती गौळणी
नेत्रकमळे उघड बाळा पुष्प सांगे डोलुनी
सांगतो रे ऊठ राजा मंद वारा वाहुनी
जाग आली गोकुळाला, नाद छुमछुम पैंजणी
ऐकु येई धेनुची ही हाक तुझिया अंगणी
उडे थवा पाखरांचा गात गात मंजुळ गाणी
यमुनेचं गारगार खळाळलं आतां पाणी
ऊठ सख्या नीलमणी, साद घालिती गौळणी
नेत्रकमळे उघड बाळा पुष्प सांगे डोलुनी
सांगतो रे ऊठ राजा मंद वारा वाहुनी
जाग आली गोकुळाला, नाद छुमछुम पैंजणी
ऐकु येई धेनुची ही हाक तुझिया अंगणी
गीत | - | शांताबाई जोशी |
संगीत | - | गजानन वाटवे |
स्वर | - | माणिक वर्मा |
गीत प्रकार | - | हे श्यामसुंदर, भावगीत |
धेनु | - | गाय. |