या सुखांनो या (२)
तांबडं फुटलं आभाळ भरलं
मायेचं सूखही त्यातच दडलं
भिरभिर तरी मन हे का रे हाकारिते
या सुखांनो या !
आनंदलहरी येती नि जाती
जोडून देती नाती नि गोती
मृगजळ परि चंदेरी हे हाकारिते
या सुखांनो या !
मायेचं सूखही त्यातच दडलं
भिरभिर तरी मन हे का रे हाकारिते
या सुखांनो या !
आनंदलहरी येती नि जाती
जोडून देती नाती नि गोती
मृगजळ परि चंदेरी हे हाकारिते
या सुखांनो या !
| गीत | - | |
| संगीत | - | अशोक पत्की |
| स्वर | - | साधना सरगम |
| गीत प्रकार | - | मालिका गीत |
टीप - • शीर्षक गीत, मालिका- या सुखांनो या, वाहिनी- झी मराठी. |
| मृगजळ | - | आभास. |
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साधना सरगम