यतिमन मम मानित त्या
यतिमन मम मानित त्या
एकल्या नृपाला
आदिअंत ज्यास नसे
त्या सनातनाला
गगनधरा ज्या निवास
बंधन भय नाही त्यास
समीर करिल काय नमन
सधन सागराला
एकल्या नृपाला
आदिअंत ज्यास नसे
त्या सनातनाला
गगनधरा ज्या निवास
बंधन भय नाही त्यास
समीर करिल काय नमन
सधन सागराला
गीत | - | कुसुमाग्रज |
संगीत | - | पं. जितेंद्र अभिषेकी |
स्वर | - | रामदास कामत |
नाटक | - | ययाति आणि देवयानी |
राग | - | तिलककामोद |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत, मना तुझे मनोगत |
आदि (आधी) | - | प्रारंभ / प्रमुख. |
नृप | - | राजा. |
यति | - | संन्यासी. |
सनातन | - | शाश्वत, चिरकाल. |
समीर | - | वायू. |