आली तुझ्या दारी
आली तुझ्या दारी राधा
सोडुनी लाज रे सारी, मुरारी
हासती बोलती किती मजलागी
नाही मानिली खंत परि
लावुनी मजला कलंक ऐसा
जाशिल कोठे सांग दुरी
तूचि विसावा मम जिवाला
राहीन एकली कोठवरी?
सोडुनी लाज रे सारी, मुरारी
हासती बोलती किती मजलागी
नाही मानिली खंत परि
लावुनी मजला कलंक ऐसा
जाशिल कोठे सांग दुरी
तूचि विसावा मम जिवाला
राहीन एकली कोठवरी?
गीत | - | मो. ग. रांगणेकर |
संगीत | - | डी. पी. कोरगावकर |
स्वर | - | रोशन आरा बेगम |
गीत प्रकार | - | भावगीत, हे श्यामसुंदर |