अभिरामा सुखधामा
अभिरामा सुखधामा ।
अजि मी धन्य धन्य झाले ।
पाहुनी आनंदघन लोचन धाले
वनवासी वचनपूर्त ।
सत्य हो जणू समूर्त ।
धन्य आज अवधपुरी रामराज्य आले ॥
अजि मी धन्य धन्य झाले ।
पाहुनी आनंदघन लोचन धाले
वनवासी वचनपूर्त ।
सत्य हो जणू समूर्त ।
धन्य आज अवधपुरी रामराज्य आले ॥
गीत | - | राजा बढे |
संगीत | - | पं. जितेंद्र अभिषेकी |
स्वर | - | पं. जितेंद्र अभिषेकी |
नाटक | - | धाडिला राम तिने का वनी? |
राग | - | भैरवी |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
अभिराम | - | सुंदर. |
आनंदघन | - | आनंदाने परिपूर्ण. |
धाले | - | (धालेपण) तृप्ती. |