भाव भला भजकाचा
भाव भला भजकाचा । साधी प्रभुदया ॥
कायिक वाचिक नच याग निभावे । हृदयि रिघे देव ॥
कायिक वाचिक नच याग निभावे । हृदयि रिघे देव ॥
गीत | - | वा. वा. खरे |
संगीत | - | मास्टर दीनानाथ |
स्वर | - | मास्टर दीनानाथ |
नाटक | - | संगीत उग्रमंगल |
राग | - | देसी |
ताल | - | त्रिवट |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
याग | - | पूजा. |