चिन्मया सकल हृदया
चिन्मया सकल हृदया, सदया दे या गोविंदा
वर वरदा, कलिमलविलया ॥
विषय पिपासापीडितसा, नि:सारा, संसारा
मृगनीरासम भुललों मी परि फसलों
विस्मरलों तव भजनीं लागाया ॥
कामधनाशा ही विवशा, मन्नाशा
सरसावे, तत्पाशीं सांपडलों, यें धांवोनी
यांतुनी सोडवुनी मज घ्याया ॥
सौख्य सदा नव ज्या ठायीं, तापाचा,
पापाचा लेश नसे, शांति वसे, ने येवोनी
त्या स्थानी, सुखभुवनीं दासा या ॥
वर वरदा, कलिमलविलया ॥
विषय पिपासापीडितसा, नि:सारा, संसारा
मृगनीरासम भुललों मी परि फसलों
विस्मरलों तव भजनीं लागाया ॥
कामधनाशा ही विवशा, मन्नाशा
सरसावे, तत्पाशीं सांपडलों, यें धांवोनी
यांतुनी सोडवुनी मज घ्याया ॥
सौख्य सदा नव ज्या ठायीं, तापाचा,
पापाचा लेश नसे, शांति वसे, ने येवोनी
त्या स्थानी, सुखभुवनीं दासा या ॥
गीत | - | गो. ब. देवल |
संगीत | - | कौशल इनामदार |
स्वर | - | आनंद भाटे |
चित्रपट | - | बालगंधर्व |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत |
टीप - • 'संगीत संशय्कल्लोळ' नाटकातील पदाचे संगीत- गो. ब. देवल (ध्वनीफित अनुपलब्ध.) |
चिन्मय | - | चैतन्यमूर्ती / शुध्द ज्ञानाने, बुद्धीने (ईश्वर, ब्रह्म) युक्त. |
ठाय | - | स्थान, ठिकाण. |
नि:सार | - | सत्त्वहीन. |
पिपासा | - | तहान. |