नभि हसली चन्द्रिका
नभि हसली चन्द्रिका, चकोरा
झुरशी तू परि मनी कशाला
मोहजाली रमवुनी जिवाला
वंचिल तुजला चंचल बाला
सोड प्रीतीचा घातुक चाळा
छंद विषारी हा खरा
झुरशी तू परि मनी कशाला
मोहजाली रमवुनी जिवाला
वंचिल तुजला चंचल बाला
सोड प्रीतीचा घातुक चाळा
छंद विषारी हा खरा
गीत | - | स. अ. शुक्ल |
संगीत | - | |
स्वर | - | जे. एल्. रानडे |
गीत प्रकार | - | भावगीत, शब्दशारदेचे चांदणे |
चकोर | - | चांदणे हेच ज्याचे जीवन असा एक पक्षी. |
चंद्रिका | - | चांदणे. |
वंचना | - | फसवणूक. |