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पावना वामना या मना

पावना वामना या मना ।
दे तव भजनीं निरंतर वासना ॥

श्रीवत्सांकित कौस्तुभधारिन्‌ ।
योगीजनांतररंजना ॥

भो प्रह्लादपरा हरिरूपा ।
मत्तनिशाचरकंदना ॥

नवतुलसीदलमालाभूषा ।
बलवद्भवभयभंजना ॥