सवतचि भासे मला
सवतचि भासे मला । दूती नसे ही माला ॥
नच एकान्ती सोडी नाथा । भेटू न दे हृदयाला ॥
नच एकान्ती सोडी नाथा । भेटू न दे हृदयाला ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | गोविंदराव टेंबे |
स्वराविष्कार | - | ∙ निर्मला गोगटे ∙ जयमाला शिलेदार ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | संगीत मानापमान |
राग | - | जिल्हा |
ताल | - | दादरा |
चाल | - | दर्सन मै ना भई |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |